नाइट एक्सप्रेस पर एक रोमांचक और रहस्यमय यात्रा का अनुभव करें, जहां भूतिया आत्माएँ और शापित कंडक्टर आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। क्या आप सच्चाई का सामना कर पाएंगे?
अध्याय 1: असाइनमेंट
रवि शर्मा, एक युवा पत्रकार जो अपने असाधारण और साहसी दृष्टिकोण के लिए जाना जाता था, "द पैरानॉर्मल क्रॉनिकल्स" के एक मंद रोशनी वाले कार्यालय में काम कर रहा था। उसकी डेस्क पर नोट्स, तस्वीरें, और विभिन्न जाँच से संबंधित चीजें बिखरी हुई थीं। रात की खामोशी में घड़ी की टिक-टिक साफ सुनाई दे रही थी।
"रवि," संपादक श्री कपूर ने दरवाजे से पुकारा। "तुम्हारे लिए एक नया असाइनमेंट है।"
रवि ने ऊपर देखा, उत्सुकता से। "किस बारे में है?"
"ये पुरानी ट्रेन है, नाइट एक्सप्रेस। यह महीने में एक बार, ठीक आधी रात को चलती है। लोग कहते हैं कि यह ट्रेन भूतिया है। इसमें अजीब घटनाएँ होती हैं। हमें चाहिए कि तुम इस यात्रा पर जाओ और पता लगाओ कि सच में क्या हो रहा है।"
रवि ने एक भौं उठाई। "एक भूतिया ट्रेन? यह तो किसी हॉरर नावेल जैसी कहानी लगती है।"
"बिलकुल," श्री कपूर ने कहा, उसे एक फाइल थमाते हुए। "यहाँ इसके बारे में सारी जानकारी है। अगली सवारी कल रात है। सुनिश्चित करो कि तुम उस पर हो।"
नाइट एक्सप्रेस अतीत का एक अवशेष थी, एक शानदार ट्रेन जिसने बेहतर दिनों को देखा था। इसका कभी चमकता हुआ बाहरी हिस्सा अब जंग और गंदगी से ढका हुआ था, खिड़कियाँ गंदगी से अपारदर्शी हो चुकी थीं। इसके बावजूद, इसमें एक डरावना आकर्षण था।
रवि आधी रात से कुछ घंटे पहले स्टेशन पर पहुँचा, उसके हाथ में कैमरा और नोटबुक थी। प्लेटफार्म लगभग वीरान था, कुछ अन्य यात्री ही वहाँ थे जो उतने ही उत्सुक दिख रहे थे जितना रवि था। वहाँ एक वृद्ध व्यक्ति था, एक जोड़ी युवा जो हाथों में हाथ डाले हुए थे, और एक मध्यम आयु की महिला जो माला पकड़े हुए थी।
रवि ने वृद्ध व्यक्ति से संपर्क किया। "माफ कीजिए, सर। क्या आप नाइट एक्सप्रेस के लिए यहाँ हैं?"
वृद्ध व्यक्ति ने ऊपर देखा, उसकी आँखों में डर और उत्साह का मिश्रण था। "हाँ, बेटा। मैंने सालों से इस ट्रेन के बारे में सुना है। कहते हैं कि यह शापित है, इसमें मरने वालों की आत्माएँ भटकती हैं।"
रवि ने सिर हिलाया, अपनी नोटबुक में लिखते हुए। "और आप इस पर विश्वास करते हैं?"
वृद्ध व्यक्ति ने कंधे उचका दिए। "नहीं पता क्या विश्वास करना चाहिए। लेकिन मैं यहाँ सच्चाई जानने के लिए हूँ।"
जैसे ही घड़ी ने आधी रात बजाई, ट्रेन की सीटी बजी, जिससे रवि की रीढ़ में सिहरन दौड़ गई। उसने ट्रेन में चढ़कर अपनी सीट ढूंढी, जो एक पुरानी, मंद रोशनी वाली बोगी में थी। अंदर का हिस्सा बाहरी की तरह ही जर्जर था, जिसमें दीवारों का कागज उखड़ा हुआ था और सीटें घिस चुकी थीं।
अन्य यात्री भी बैठ गए, और ट्रेन ने अपनी यात्रा शुरू की। रवि ने अपना कैमरा निकाला और अंदरूनी हिस्से की तस्वीरें लेने लगा। अचानक, लाइट्स झपकीं, और बोगी में एक ठंडी हवा चल पड़ी।
"क्या तुमने यह महसूस किया?" उसके बगल में बैठी युवती ने फुसफुसाया।
रवि ने सिर हिलाया। "हाँ, अजीब है।"
ट्रेन ने रफ्तार पकड़ी, और रवि ने कुछ अजीब देखा। खिड़की के बाहर का दृश्य असामान्य रूप से तेजी से बदल रहा था, जैसे वे अलग-अलग समय अवधि में यात्रा कर रहे हों। उसने प्राचीन गाँवों से लेकर आधुनिक शहरों तक के दृश्य देखे, जो तेजी से गुजर रहे थे।
यात्रा के एक घंटे बाद, ट्रेन अचानक रुक गई। बोगी पूरी तरह अंधेरे में डूब गई। रवि ने अपने टॉर्च के लिए हाथ बढ़ाया, और उसे चालू किया, बस समय रहते ही उसने बोगी के अंत में एक छायादार आकृति देखी।
"कौन है वहाँ?" उसने पुकारा, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
आकृति करीब आई, उसका रूप स्पष्ट होता गया। वह एक महिला थी, पुराने फैशन के गाउन में, उसकी आँखें खोखली और निर्जीव थीं। उसने उसकी ओर हाथ बढ़ाया, उसकी आवाज़ फुसफुसाहट में थी। "मदद करो..."
रवि का दिल तेजी से धड़कने लगा जब उसने पीछे हटते हुए पूछा, "तुम कौन हो?"
"फंसे हुए... हम सभी... हमें मुक्त करो..." उसने कहा और फिर हवा में गायब हो गई।
लाइट्स झपकीं और ट्रेन फिर से चलने लगी। अन्य यात्री भी उतने ही डर गए थे जितना वह।
रहस्य की तह तक पहुँचने के संकल्प के साथ, रवि ट्रेन के पीछे की ओर बढ़ा, जहाँ भूतिया महिला दिखाई दी थी। उसने एक बंद दरवाजा पाया, जिस पर लिखा था "प्रवेश निषेध।" चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए, उसने ताला खोला और अंदर गया।
बोगी बाकी हिस्सों से अलग थी। यह विभिन्न समय अवधियों की कलाकृतियों से भरी हुई थी, और हवा में दुःख और निराशा का गहरा अहसास था। बोगी के केंद्र में एक बड़ा आईना था, जिसकी सतह फटी और धुंधली थी।
जैसे ही रवि आईने के करीब गया, तापमान गिर गया, और उसने फिर से भूतिया आकृति देखी, साथ में अन्य भी। वे आईने में फंसे हुए लग रहे थे, उनके चेहरे पीड़ा में मरोड़े हुए थे।
"कृपया, हमें मुक्त करो," उन्होंने एक स्वर में कहा।
"कैसे?" रवि ने सहानुभूति से पूछा।
"शाप तोड़ो... कंडक्टर को ढूंढो... केवल वही हमें मुक्त कर सकता है," उन्होंने उत्तर दिया।
रवि ने अगले कुछ घंटे ट्रेन की जाँच करते हुए, यात्रियों का साक्षात्कार करते हुए, और कहानी की कड़ियाँ जोड़ते हुए बिताए। उसे पता चला कि यह ट्रेन कई साल पहले एक दुखद दुर्घटना में शामिल थी, और पीड़ितों की आत्माएँ तब से ट्रेन में फंसी हुई थीं।
कंडक्टर, जिसका नाम राजन था, कहा जाता है कि उसने ट्रेन को चलाते रहने के लिए अंधेरी शक्तियों से सौदा किया था, लेकिन इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी। अब वह शापित था, हमेशा के लिए ट्रेन में सवार रहने को मजबूर, जब तक कि शाप नहीं टूटता।
जैसे ही भोर करीब आई, रवि जानता था कि उसे राजन का सामना करना होगा। उसने उसे इंजन रूम में पाया, एक दुबला-पतला, भूतिया व्यक्ति।
"राजन," रवि ने दृढ़ता से कहा, "मुझे शाप के बारे में पता है। तुम्हें इसे खत्म करना होगा।"
राजन ने खोखली आँखों से उसकी ओर देखा। "मैं नहीं कर सकता... मैंने कोशिश की, लेकिन जो शक्तियाँ इस ट्रेन को नियंत्रित करती हैं, वे बहुत शक्तिशाली हैं।"
"हम इसे मिलकर कर सकते हैं," रवि ने जोर दिया। "आत्माएँ मुक्त होना चाहती हैं। तुम उनकी मदद कर सकते हो।"
भारी साँस लेते हुए, राजन ने सिर हिलाया। "ठीक है। एक तरीका है... लेकिन यह खतरनाक है।"
राजन ने समझाया कि उन्हें भूतिया बोगी में आईना तोड़ना होगा, लेकिन ऐसा करने से सभी फंसी हुई आत्माएँ एक साथ मुक्त हो जाएँगी। यह खतरनाक हो सकता है, लेकिन यही एकमात्र तरीका था उन्हें मुक्त करने का।
एक साथ, वे बोगी की ओर बढ़े। आत्माएँ इंतजार कर रही थीं, उनके चेहरे उम्मीद से भरे थे।
"क्या तुम तैयार हो?" राजन ने पूछा।
रवि ने एक धातु की छड़ पकड़ते हुए सिर हिलाया। "चलो, यह करते हैं।"
पूरी ताकत से, उसने आईने पर प्रहार किया। यह हजारों टुकड़ों में बिखर गया, और आत्माएँ चिल्लाईं जैसे ही वे मुक्त हो गईं। ट्रेन जोर से हिलने लगी, और हवा में एक तेज रोशनी फैल गई।
जब रोशनी फीकी पड़ी, ट्रेन स्थिर हो गई। आत्माएँ चली गईं, और ट्रेन हल्की महसूस हुई, जैसे एक बड़ा बोझ हट गया हो। राजन अब शापित नहीं था; उसकी आँखें साफ और शांतिपूर्ण थीं।
"धन्यवाद," उसने रवि
से कहा। "तुमने हम सबको बचाया।"
जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर पहुँची, रवि को एक उपलब्धि की भावना महसूस हुई। उसने सच्चाई का पता लगाया और आत्माओं को मुक्त कर दिया। नाइट एक्सप्रेस अब एक भूतिया अवशेष नहीं थी, बल्कि इतिहास का एक हिस्सा थी, जो अब शांति में था।
अध्याय 10: एक नई शुरुआत
अपने कार्यालय में वापस, रवि ने कहानी लिखी, यह जानते हुए कि यह उसकी सबसे यादगार असाइनमेंट में से एक होगी। नाइट एक्सप्रेस ने उसे सिखाया कि सबसे अंधेरे स्थानों में भी, हमेशा मुक्ति की आशा होती है।
जैसे ही उसने टाइपिंग पूरी की, उसे श्री कपूर का फोन आया। "बहुत बढ़िया काम, रवि। कहानी हिट है। इस बार तुमने खुद को पार कर लिया है।"
रवि मुस्कुराया, गर्व की भावना से भर गया। "धन्यवाद, बॉस। यह वास्तव में एक अद्भुत यात्रा थी।"
और इसके साथ ही, वह अपनी अगली रोमांचक यात्रा की प्रतीक्षा करने लगा, यह जानते हुए कि दुनिया रहस्यों से भरी हुई है जो बस उजागर होने की प्रतीक्षा कर रही है।
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यह कहानी हिंदी में भारतीय नामों के साथ है। अगर आपको और बदलाव या सुधार चाहिए हों, तो बताइए!
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